कविता तो कविता होती है शव्दो से ही बनती है। कविता तो कविता होती है शव्दो से ही बनती है।
हाँ नही बनी मैं कविता के लिए इसलिए कथा लिख जाती हूँ। हाँ नही बनी मैं कविता के लिए इसलिए कथा लिख जाती हूँ।
खुद को गुलामी के पिंजरे से आज़ाद करते हैं, चल खुद पर कुछ विश्वास करते हैं। खुद को गुलामी के पिंजरे से आज़ाद करते हैं, चल खुद पर कुछ विश्वास करते हैं।
ये दुनिया भी बड़ी गजब की है, कुछ करवाती और कुछ अलग दिखाती है। ये दुनिया भी बड़ी गजब की है, कुछ करवाती और कुछ अलग दिखाती है।
बात करने से लेकर बात ना करने तक का हर बहाना याद है। बात करने से लेकर बात ना करने तक का हर बहाना याद है।
वो बचपन के दिन,वो बारिश के पानी वो गुजरे हूए दिन, वो पुराने कहानी। वो बचपन के दिन,वो बारिश के पानी वो गुजरे हूए दिन, वो पुराने कहानी।